Stories That Matters

Every Thought Matters

किसी के आसरे

 

खुद पे रखना यकीं और रब पे विश्वास

किसी के आसरे की न करना तुम तलाश

हिदायत दे जब बैठाया था बाबूजी ने डोली में,

आँखों की बारिश से कमज़ोर न किया खुद को मैंने

 

 

औरत हूँ मगर, न झुकी हूँ मैं, न रुकी हूँ मैं

न फैलाया कभी भी हाथ

हिम्मत की ढाल बाँध

लबों पे रखी मिठास

 

 

चिड़िया को घोंसला बनाते देखा

चींटी को पहाड़ पे चढ़ते देखा

आत्म विश्वास से आगे बढ़ती चली मैं

दूसरों का आसरा बन खड़ी हूँ आज

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