Stories That Matters

Every Thought Matters

उनकी नज़रें

कुछ कसक सी मन में बाक़ी थी

कुछ बातें लब पे अधूरी थीं

कुछ दीदार की तलब आँखों में भी थी

जब मिलन की घड़ी नसीब हुई

मगर उनकी नज़र वक़्त पे थी

 

बातें करने को बहुत सी थी

अभी तो दिल का हाल बयां हुआ न था

अभी तो कशिश हवाओं में घुली ही थी

मगर उनकी नज़र,

उनकी नज़र वक़्त को नज़रबंद किये थी

 

मसरूफ ज़िन्दगी से कुछ पल चुराए थे हमने

अपनों से बहाने बनाये थे हमने

कुछ लम्हें उनके साथ जीने को

मगर वक़्त की शायद मंज़ूरी न थी

तभी तो उनकी नज़र वक़्त को नज़रबंद किये थी

 

यह वक़्त भी दुनिया की तरह ज़ालिम है

इसे भी हर लम्हा तवज्जु की प्यास है

मगर हम भी मोहब्बत के रंग में इस क़दर रंगे हैं कि

जुदाई के हर इक पल को भी,

मिलन के खूबसूरत लम्हों से सजाए बैठे हैं

 

फिर उनकी नज़र चाहे कहीं भी क्यों न रहे

हम तो उनकी याद में पलकें बिछाये बैठे हैं

 

 



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *