कौन हूँ मैं ?
मैं प्रतिछाया उन चेहरों की हूँ ,
जो दुनिया के चेहरों में खो गए।
मैं बूँदें उन अश्कों की हूँ ,
जो बिना बहे भी रो गए।
मैं स्वर लहरी उन अधरों की हूँ ,
जो चुप्पी तोड़ नहीं पाए कभी।
मैं आस उन प्रयासों की हूँ ,
अघोषित रहे जिनके परिणाम सभी।
मैं राही उन रास्तों की हूँ ,
जिन्हें मंज़िल मिल नहीं पायी।
मैं ज्योति उन दीपों की हूँ ,
जिनकी बाती जल नहीं पायी।
मैं दुविधा उन ख़्यालों की हूँ ,
जो अंतर मन में रह जाते हैं।
मैं उड़ान उन परिंदों की हूँ ,
जो पिंजरे में कैद रह जाते हैं।
बढ़िया प्रयास
Thnx rohit