टूटे वादे…
अच्छा है , तुम भूल गयी
वर्ना मैं खुद को भूल जाता
अच्छा है तुम भूल गयी
तुम भूली क्या ?
क्या वो कसमे वादे ?
की नहीं जायेंगे तुम से दूर ,
की साथ देंगे हमेशा
की सफलता के रास्ते के साथी होन्गे ,
अच्छा हुआ की तुम भूल गयी
वर्ना , मैं सफल न हो पाता
न कर पाता पूरे उन सपनो को
जिन्हें गाँव के गरीबो ने देखे थे
की उनके बच्चे जाएंगे स्कुल
और पढंगे अंग्रेजी किताबें ।
तुम तो बड़ा कहती थी की
तुम ही दिल के सबसे करीब हो
मेरे बेस्टी और मेरे दिल अजीज हो
क्या हो गया ये तुम्हारे वचनों को
ये वचन जो तुम बोल गए
मेरे दिल में तो एक मीठी जहर घोल गए
हम तो तुम्हे अपना ही बना बैठे
दिल में एक अरमान जगा बैठे
अच्छा हुआ तुम भूल गयी ।
अच्छा हुआ की तुम भूल गयी
वर्ना मैं प्रैक्टिकल न हो पाता तुम्हारी तरह
मैं फिर धोखे खाता , पहले की तरह
तुम्हे जब देखा था तो सोचा था
की तुम ही सबसे अजीज हो
माँ ने कहा था , बेटा अलग रहना
तुम बहुत सीधे हो , ये दुनिया बहुत अजीब है
माँ को कहा था मैंने ,
नहीं माँ , मेरी वाली सबसे अलग है
हाँ , तुम सबसे अलग हो
वाकई ,
बल्कि तुम सबसे अजीब हो
क्या हुआ? चुप क्यों हो गयी ? ,
तुम्हारे पास क्या कोई जवाब नहीं ?
अरे होगा ,
देखो तुम्हे कैसे इन सब चीजों का हिसाब नहीं ।
मतलब का मतलब मैंने तुमसे सीखा
क्यों मरते हैं आशिक़ , ये भी तुमसे सीखा ।
अच्छा हुआ तुम भूल गयी ।
अच्छा हुआ तुम भूल गयी
वर्ना सच्चे दोस्तों को कभी न पाता
ये तुम्हारी भूल का ही असर है
मेरे दोस्तों के कतार में अब कोई कमीं नहीं ।
मेरे अब सच्चे और अच्छे दोस्त हैं
मैं उनके लिए जीता और वो मेरे लिए जीते हैं
दोस्ती का परिभाषा ,
क्या होता
है ? दोस्ती की परिभाषा ?
अरे आओ , बताओ हमको ।
वरना हमसे सीखो
आओ हम ही बताते हैं ।
सच्ची दोस्ती वो चीज होती है
जिसमे मैं और तुम नहीं हम होता है
प्राइवेसी नहीं होती कोई रूल नहीं होता है
हम तुम होते हैं और तुम हम होता है