रिश्ते
कभी खून के रंग से जुड़े होते हैं,
कभी अनजाने लोगों में अपने लगते हैं,
कभी पास होकर भी दूर लगते हैं,
कभी दूर होकर भी पास लगते हैं,
कभी अपने होकर भी बेगाने लगते हैं,
कभी बेगाने होकर भी अपने लगते हैं,
होते ये एक कच्चे धागे की डोर जैसे,
जो पनपते हैं प्यार और विश्वास से,
जो न हों ये रिश्ते तो लगे ये जिंदगी अधूरी,
प्यार के हैं ये बन्धन जिसमें बंधी है दुनिया सारी |