औरत
जिस क्षण परमेश्वर ने सोचा वह एक शख़्स,
जो हर स्थिति में रह सके जीवित,
जो एक सशक्त पीढ़ी का करे नेतृत्व,
हैं जिससे इस दुनिया मे सभी रिश्ते बने,
एक वह जो सभी असंभव चीजों का कर सके प्रबंधन,
अपने प्यार, समर्पण और आत्मविश्वास के साथ,
करे एक नये समाज का निर्माण,
तब ईश्वर ने किया अपनी एक अनोखी कृति का सृजन- जिसे कहते हैं “औरत” |
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