दोस्ती
एक रिश्ता है दुनिया में ऐसा
न कोई रिश्ता जिसके जैसा
कहते हैं अनमोल उपहार जिसे,
जिसके कई रूप हैं बने,
कभी बचपन की यारी,
कभी कॉलेज की दोस्ती,
कभी ज़िन्दगी की मुश्किल सफ़र में है बनती,
रिश्तों की माला का एक मोती है दोस्ती,
कभी खुन के रिश्तों में है पनपती,
कभी अनजाने लोगों से मिले अपनेपन में है बस्ती,
यूं तो ज़िन्दगी में कई दोस्त हैं बनते,
पर सच्चे दोस्त बहुत कम हैं होते,
निभाते दोस्ती जो हर परिस्थिति में,
वही सच्चे दोस्त हैं कहलाते।