Sab Moh Maya Hai
अद्वैत कहता है सब मोह माया है
द्वैत कहता है ये सब ईश्वर और उसके स्वरुप हैं
चार्वाक तो कहता है जियो और घी पियो
जैन कहता है अच्छा सोचो और अच्छा करो
बुद्धा तो और एक कदम आगे
कहता है दुनिया दुखों का घर है
सूफी कहता है गरीबों की मदद करो
नानक कहते हैं अच्छा करो अच्छा पाओ
कुल मिला कर यही बनता है कि
ये जीवन एक सपना है
अपने भूत को एक सपना समझो
और अपने भविष्य को एक नया सपना
वर्तमान में रहो , वर्तमान में जियो ।
न किसी का बुरा सोचो और न किसी का बुरा करो ।
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